यारो न चाहा था टूटना पर वादा कर टूट गया,
मोहोब्बत तो अभी भी करते हैं, चाहे दामन छूट गया,
दिल के अरमान सब आ हलक में फस गए, क्या करें की साँसों से नाता टूट गया ||
आज तारिक १८ दिन था शुक्रवार का,
हुई आज बात लंबा अरसा था इन्तेज़ार का |
न था सकून करना था जो इज़हार प्यार का,
आज ही गिरा आसमान थोडा संभलना कियो कि..
मेरा प्यार सदा खुश रहे आखरी तम्मन्ना है ये
शुकर गुजार हूँ मैं अपनों का,
जिन्हें एहसास था मेरे सपनों का |
रोहिणी, अमित, मंदीप रंग इन अक्षरों का,
दबा दिल में सदा रखना है कियो कि ..
मेरा प्यार सदा खुश रहे आखरी तम्मन्ना है ये
किया फैसला कभी न करूँगा शादी का,
रहेगा दिल मे एक नाम उसी का |
चाहत उनकी में है नाम किसी का,
बस अब है खुद को भूलना कियो कि ....
मेरा प्यार सदा खुश रहे आखरी तम्मना है ये
गिरे अश्क सम्भालूँ तिनका तिनका,
हूँठो पर मुस्कराहट रहे नाम उन का |
देना होंसला ज़ख़्म ज़माने से छुपाने का,
याँ मौत को गले लगाने का किओं कि ....
मेरा प्यार सदा खुश रहे आखरी तम्मना है ये
खुदा सच कहा ज़माने ने, मिलता न प्यार देर लगाने से,
काश! किया इज़हार होता प्यार होने पर, न होता दर्द आशिक कहने से ||
![]() | © Viney Pushkarna pandit@writeme.com www.fb.com/writerpandit |
Social Plugin