ऐ खुदा क्या फायदा, तेरे दर पर आने का, ज़ज्बात हथेली पर रख कर, जख्म दिखाने का,
किया तूने भी वो, जो सारा जमाना करता है, किया फैसला अपने प्यार में ही, डूब जाने का ||
जा खुदा तूं देख हर रोज तेरे दर पर आऊँगा, जो जो किया तूने तुझी को सुनाऊँगा,
तूं थक जाएगा सुनते सुनते, मोहोबत में हर इन्तहा भूलाऊंगा, फूल महके तो ठीक वरना यादों पर सजाऊंगा ||
आज तारिक १९ एक तूफ़ान ले कर आई,
न जाने कियों एक बात भी न गई सुनाई |
है खुशी के उन्होंने सच बोल दिया,
जो था दिल में उसका भेद खोल दिया ||
उनके अलफ़ाज़ शायद थे ढोल गए,
जो न कहना था वो कुछ ऐसा बोल गए |||
मैं खफ़ा नहीं उनके बोले से,
वो न जानते थे क्या होगा तराजू तोले से ||||
पर खफ़ा हूँ ऐ खुदा तुजसे कियों हालत तूने पैदा ऐसे कर दिए,
कियों कोमल पैर ज़ज्बातों के, तूने यूं अंगारों पर धर दिए ||
खुदा न समझना फ़रियाद कि, दर तेरे आया हूँ,
चाहे बना माला लफ़्ज़ों की, एहसास ऐसे लाया हूँ |
हर फूल वफा के लगा जीवन को मेहकाऊंगा,
तूं देखना इस दिल को नाम ‘जान’ मरते मरते भी सुनाऊँगा ||
शायद तुझे आदत है महकते फूलों को मसलने की,
पर तूं भी जाने हमे चाहत है तेज तलवारों से गुजरने की |||
खुदा लिखी तख्दीरों को खुद दोबारा हम लिखाएँगे,
जो नाकाम हुए तो इस वजूद को ही मिटायेंगे |||
जितने सांस है उतने आज नाम उस जान के हमने कर दिए,
खुदा कियों कोमल पैर ज़ज्बातों के, तूने यूं अंगारों पर धर दिए ||
मैं जानू क्या हालात आज मेरी जान के होंगे,
कैसे छोटे छोटे पल भी पहाड़ों से गुजरते होंगे |
पर ये फैसला था हम दोनों का सच बियान तो करने होंगें,
जो खाली न हों हिस्से प्यार के, विश्वास ऐसे भरने तो होंगे ||
कुछ गलतीयां जीवन में हर इंसान से होती है,
पर किये गुनाहों के आखिर प्रयचित करने तो होंगे |||
जितना दुःख दिया हमने अपने घर वालों को,
चंद तो बना साथी हमको भी जरने होंगें ||||
पर न घबराना जान की पैगाम प्यार को हमने कर दिए,
खुदा कियों कोमल पैर ज़ज्बातों के, तूने यूं अंगारों पर धर दिए ||
हैं अरमां घर वालों के, पूरे सब सपने करने है,
जो खाली हैं खुशी के घड़े, आज मिलकर हमे भरने है |
मैं रहूँगा हर मोड पर साथ तुम्हारे, एहसास हवा में तरने हैं,
तुम देते रहना ऐसे ही साथ मेरा, कि आंसूओं से युद्द लड़ने हैं ||
किये वादे कुछ तुम्हें तो कुछ घर वालों के पूरे करने हैं,
अभी तो शुरुआत है शायद, न जाने कितने सवाल गुजरने हैं |||
है वादा कि सिवा तुम्हारे, ये मोती किसी और के लिए न गिरने है,
तुम्हारा ही नाम सदा इसमें होगा, चाहे गिनले खुदा कितने दिन गिनने हैं ||||
गिन गिन पल आज सब सदियों समान आज कर दिए,
खुदा कियों कोमल पैर ज़ज्बातों के, तूने यूं अंगारों पर धर दिए ||
यादें याद आतीं रहेंगी, एक तुझी को बुलाती रहेंगी,
न छोडूंगा साथ तेरा किसी मोड पर, जब तक सांसों में साँस आती रहेंगी |
गौर से सुनना जान ये जहान में खबर आती रहेगी,
जब तक है साथ प्यार का, जिंदगी जहान जगमगाती रहेगी ||
![]() | © Viney Pushkarna pandit@writeme.com www.fb.com/writerpandit |
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