चल बड़ा कदम तू ऐसे, मंजिलों को चूम ले,
पत्थरों पर चलते चलते, बोल बम झूम ले |
धीमी धीमी आंच पे, पक्का कर पैर चल दिए,
हौंसलों को कर बुलंद जिस्म में ज्योति लिए |
न डर न डर निडर बनो, आंसुओं को पोंछ ले,
मुकाम तेरे आगे है, है पाना अब सोच ले ||
न गिर न गिर, संभाल दिल, हौंसला दिल में लिए,
तब तेरा हर कदम होगा, होगा उस अर्श पे,
यह जीवन संघर्ष है .............
है धुप धुप न जाए छूट, राह तेरे रौशन किये,
उठ भाग भाग कर फ़तेह, मुकाम जो सिर हैं लिए |
अब यार शाम हो रही, जला उमंग के दिये,
मिटा दे यह घनघोर काल, प्राणों को उज्ज्वल किए |
कर योग योग मिटा के लोभ, खोल लब जो सिले,
बोल बोल सत्य, तो हौंसला खुद से मिले ||
रख सोच तू चींटी समान, मुकाम पाने, के लिए,
फिर आगे बड चले, चले जो गिरे फर्श पे,
यह जीवन संघर्ष है ...............
समय बड़ा भागे है, है पाना अब सोच ले,
वक़्त जो करे है दोखा, बड़ा के हाथ दबोच ले |
न रो न रो न रोने दे, इस जिस्म में बैठी रूह को,
पंडित बड़ा धारा प्रेम की, सारा जहान समेट ले |
फिर कदम कदम छुए गगन, आँखों उमंग देख के,
गिरते हैं बड़े बड़े, फिर सच को माथा टेकने ||
खड़े होते हैं सारे तब, सन्मान देने, के लिए,
ऐसा सन्मान होता ऊँचा, ऊँचा उस सवर्ग से,
यह जीवन संघर्ष है ...............
नहीं बैर इस समाज से, नहीं बैरी कोई लोग रे,
हमे तो आगे बढना हैं, है बैर बुरी सोच से |
डम डम बजे नगारा, बजती हर चोट से,
यह आवाज है शुरुआत, रखना यह सोच के |
सुन ज़रा ध्यान से, अपनी हस्ती जान ले,
नहीं मिलेगा मौका मुड, जो तीर निकला कमान से ||
सोते को जगा गए, जोर अपना दिखा गए,
ऊंचे ऊंचे जैकार लागे, लागे हर तरफ से,
यह जीवन संघर्ष है..........
![]() | © Viney Pushkarna pandit@writeme.com www.fb.com/writerpandit |
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