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Sahas

यह दर्द कोई नया नहीं, सालों से हैं पाला इस दिल ने,
हर कोई जो है अपनाता उसने निकला एक दिन है |
यह सफ़र है सालों का, जो मिला वो रुसवा हो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||


शायद इन रिश्तों से जाना खुद की पहचान को,
शायद इन्हीं में देखा था हमेशा भगवान को |
येही आज मुझसे मेरा खुदा दूर हो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||

आज सुनना बंद हो गया आवाज़ मेरी पुकार का,
शायद येही था पल मेरे आखरी एहसास का |
जिसको बेटा बना चला, आज मैं ही कौन हो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||

पहले खोई अर्धांगिनी, फिर एक दोस्त खो गया,
पता ही नहीं चला, एक एक रिश्ता जुदा हो गया |
जो अब आवाज न आई तो शायद विनय सो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||

आज मेरे अपने ने मुझे रुलाना कर दिया,
मेरी ही गलती ने आज मुझे बेगाना कर दिया |
आज एक ज़बात और खोखला हो गया.
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||

बहुत छिपाया पंडित, दर्द को ज़माने से,
अक्सर डर लगता था किसी को बताने से |
जिस आँसू से मैं डरता था आज वो ही हो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||


याद है मुझे जान का प्रणव को अंशु कहना,
याद है मुझे अपना वादा सदा साथ है रहना,
आज वचनों का वो गहना शायद कहीं खो गया,
खुद टूट टूट जो पाले रिश्ते, आज साहस खो दिया ||




© Viney Pushkarna
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