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Piya ki Yaden

 जिस्म से प्यार करना छोड़ दे, चाहे कल था, आज है पर कल न रहेगा,
प्रेम को खुदा बना के पूज, वरना जिंदगी में जो आए गम तो कैसे सहेगा ।
जो साथी बनाओ तो पहले सोच लो, कि साथी को रूह में बांधना पड़ेगा,
मौत भी हो अगर सामने तो, आखरी पल भी ख़ुशी में काटना पड़ेगा ।।
 
मैं चला कलम उठा कर, गिनू गगन में तारे,
शायद मेरे जैसे, पिया मिलन के मारे।
साथ को तडपे दिल मेरा, गिर कदमों पड़ा,
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।

न हमको कोई शिकवा है, न हमको कोई गिला,
हम तो कोशिश करते रहे, न जाने साहिल है कहाँ,
पर ऐसी मिली जिंदगी, आज गम के सागर से मिला,
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।

ये उन दिनों की बातें है, जो हम भूल न पाते हैं,
हस्ते हैं न रोते हैं, यह पल समझे न जाते हैं ।
हम तो मिले जिंदगी को, पर जिंद का साथी न मिला,
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।

मिट्टी में मिलना मुझको, जान जो कहीं खो गई,
जीने की हसरत न रही, मुस्कान जो कहीं सो गई ।
खो गई जान जिस रास्ते, खोजे वो राह न मिला,
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
तू तेरी जिंदगी को रोता है, यहाँ सारा आलम खोता है,
पंडित सबको तेरे जैसे ही,  दर्द यहाँ पर होता है।
इस दर्द को मिटाने वाला, क्यों हमदर्द न मिला,
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।
यादों से सांसे भर गयी, फिर आँखों से आंसू है गिरा ।



© Viney Pushkarna
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