June 14, 2024

Qadian Anthem


जो भूल जाएँ धरा अपनी को, वो सुत नहीं,
जहां हो न सबका सम्मान, वो स्थान उपयुक्त नहीं।
पुत्र पुष्करणा लिख रहा है, घर अपने पर,
समर्थन करना परिवार जनों, कुछ क्षणों युक्त सही ।

कादियाँ प्यार का शहर है, विरासत का धाम
शांति और सद्भाव का है ये नाम

यहाँ सब मिलकर
पढ़ते हैं भाईचारे का गान
कादियाँ की धरती है ये प्यार का नजराना
मानवता का एकता का है तराना

अरे रुको जरा बाबा.. थामे थामे ..
शिवालय मे सबसे पहले उस गुरु को प्रणाम करूँ,
मेरी सारी बहनों वं भाइयों को राम राम करूँ ,
आओ गुमाऊँ मैं शहर की चारों और,
शिवालय के बाद काली द्वारा प्रस्थान करूँ।
लगने लगे जो काभी डर.. न न न न करना नहीं फिकर,
रज़ादा रोड मैं महाबली हनुमान मंदिर याद करूँ।
सीतल करे सीतला मंदिर, और ठाकुरद्वारे दर्शन राम करूँ ।

प्रताप सिंह नेता प्रतिपक्ष, त्रिपत राजिंदर सिंह नेता जबरदस्त,
कमल ज्योति सिद्धांतों पर, गुरिक़बाल महल जन कार्यों मे व्यस्त,
फतेह सिंह सी दलेरी हो, अमरजीत सिंह सा नारा
नेताओं की जन्मभूमि है, ये प्यारा शहर हमारा

पंडित लेखराम जी की कर्मभूमि है
मिर्जा ग़ुलाम की जन्मभूमि है
समाज सेवी सोम नाथ हैं जहां से,
राजन पुष्करणा,अभिषेक भट्टी मानवधिकारी
वीर सपूतों ने बढ़ाया नाम जहां के ।

हैलो रे दीदी.. बड़ी भाभी.. प्रणाम बोलू हूँ,
और छोटे कैसा है बेटा? सब सही चल रहा है न?
क्या बात बहुत मोटा होता जा रहा है?
योग किया करो, रोग और दवाओं से बचाएगा।
अरे .. नहीं रे बाबा योग करना है कसरत थोड़ी बोला मैं,
ध्यान, छठकर्म वाला रे भाई, विबुध योगशाला जानेगा,
सब कुछ करवाते हैं रे वहाँ।

कादियां नगर हमारा प्यारा
पढ़ते हैं भाईचारे का गान
कादियां की धरती है ये प्यार का नजराना
मानवता का एकता का है तराना

अरे पूरा घूमा नहीं रे बाबा,,,, रुक रुक रुक न भाई,
सिवल लैनेस तरफ है विरास्ती मस्जिद, धरमपुरा मे कृष्णा गुणगान करे,
पास मे ही है गुरु घर सिंह सभा लोग अरदास करें।
यार ज़रा थोड़ी सड़कें सुधारों बटाला रोड भी तो जाना है,
दाईं और चर्च है उसके छोराहे पर भी रुक्के जाना है,
चल भाई टॉप गीर पकड़
अरे अरे स्टॉप स्टॉप, यहाँ भी है एक मंदिर।
मंदिर यहाँ महारिषि बाल्मीकि जी का,
थोड़ा साइड पर लेने का,
बहुत रश होता है रे मेरे भाई। धीरे चला

अगली बार फिर आना और गुमाऊँगा फिर ..
लाख दाता और पंज पीर भी ले जाऊंगा । ।।
बताऊँगा योग फ़रों के बारे मे भी,
सुशासन दल से भी परिचित करवाऊँगा । ।।

चल पंडित शटर गिरा अगले गाने मे मिलएगे यार..
कादियां शहर बांटता रहा है प्यार ,,

Writer Pandit Official

Writer Pandit: Lived Stories, Lyrical Truths!

Writer Pandit: Lyricist, Patriot, Healer

Writer Pandit

Writer Pandit is a man of many talents. By day, he serves as a dedicated healthcare professional. But his passion lies in the power of words. A Pushkarna Brahmin with roots in Sindh, now part of Pakistan, Writer Pandit holds his heritage, faith (Dharma), and nation close to his heart.

His love for writing blossomed in his 7th grade and continues to be a cherished hobby. Taking the pen name Writer Pandit in 2001, he crafts lyrics that resonate with his national pride and social conscience.

A true patriot, Writer Pandit actively promotes social causes. He is the founder of the Yog Front Organization, Good Governance Posse, and the Pushkarna Research Association of Natural Aid, organizations dedicated to social well-being and national progress.

Writer Pandit's story is an inspiring one - a testament to the power of following one's passion while serving the community.
Contact Him: Drop E-Mail to pandit@pushkarna.ooo

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