बचालो बहन-भाई का शजरे ख़ुलूस,
कि आज आंच पर है उनका आईने खना।
कि सच्चे रिश्ते का यह पुतला,
कहीं टूट कर बिखर जाए न ॥
जगत में जगमगा रहा है,
आज एक हसीन रिश्ता ।
कि अपनी होंद बता रहा है,
वो हसीन रिश्ता ॥
वो हसीन रिश्ता है प्यार बहन-भाई का,
कि आज आसमान में झिलमिला रहा है,
एक वो हसीन रिश्ता ॥।
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता....
बहनों की शादी में,
याद आता है यस रिश्ता।
बीती बातों को याद,
दिलाता है यह रिश्ता॥
यह रिश्ता नहीं है,
किसी मजबूरी का नाम,
तबी तो सबके मन को,
भाता है यह हसीन रिश्ता ॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.....
प्यार की याद दिलाता है,
बिछड़ने से घबराता है यह रिश्ता।
होंठो से मुस्कुराते हुए,
रुक्सत में रुलाता है यह रिश्ता॥
एक - दूजे से मिला कर,
दूर कियो चला जाता है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमाता है यह रिश्ता.......
किसी का हबीब है,
तो किसी का नसीब है यह रिश्ता।
लोग दरे इश्क भागते है पर,
सबके सबसे करीब है यह रिश्ता॥
दरे दिल लता है राजन-विनय के,
बहनों का ताबीज है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
किसी की हया,
तो किसी का नाज है यह रिश्ता।
किसी को थोडा,
तो किसी के लिए बेहिसाब है यह रिश्ता॥
पर सबके लिए जलवागरी का,
एक ही नवाब है, यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
विनय वंदना है कर रहा,
बना ख़ास रहे यह रिश्ता।
रहे रिश्तों में अनुपम,
मेरा प्यार है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
मन की इच्छा मैं आज,
ब्यान हूँ कर रहा ।
मेरे लिए तो मेरी,
जान है यह रिश्ता॥
ऐसे ही खुशहाल रहे सदा,
रहे पुष्करणा'स का सम्मान यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
कुछ नए लफ्जकि आज आंच पर है उनका आईने खना।
कि सच्चे रिश्ते का यह पुतला,
कहीं टूट कर बिखर जाए न ॥
जगत में जगमगा रहा है,
आज एक हसीन रिश्ता ।
कि अपनी होंद बता रहा है,
वो हसीन रिश्ता ॥
वो हसीन रिश्ता है प्यार बहन-भाई का,
कि आज आसमान में झिलमिला रहा है,
एक वो हसीन रिश्ता ॥।
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता....
बहनों की शादी में,
याद आता है यस रिश्ता।
बीती बातों को याद,
दिलाता है यह रिश्ता॥
यह रिश्ता नहीं है,
किसी मजबूरी का नाम,
तबी तो सबके मन को,
भाता है यह हसीन रिश्ता ॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.....
प्यार की याद दिलाता है,
बिछड़ने से घबराता है यह रिश्ता।
होंठो से मुस्कुराते हुए,
रुक्सत में रुलाता है यह रिश्ता॥
एक - दूजे से मिला कर,
दूर कियो चला जाता है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमाता है यह रिश्ता.......
किसी का हबीब है,
तो किसी का नसीब है यह रिश्ता।
लोग दरे इश्क भागते है पर,
सबके सबसे करीब है यह रिश्ता॥
दरे दिल लता है राजन-विनय के,
बहनों का ताबीज है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
किसी की हया,
तो किसी का नाज है यह रिश्ता।
किसी को थोडा,
तो किसी के लिए बेहिसाब है यह रिश्ता॥
पर सबके लिए जलवागरी का,
एक ही नवाब है, यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
विनय वंदना है कर रहा,
बना ख़ास रहे यह रिश्ता।
रहे रिश्तों में अनुपम,
मेरा प्यार है यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
मन की इच्छा मैं आज,
ब्यान हूँ कर रहा ।
मेरे लिए तो मेरी,
जान है यह रिश्ता॥
ऐसे ही खुशहाल रहे सदा,
रहे पुष्करणा'स का सम्मान यह रिश्ता॥
कि जगत में जगमगाता है एक रिश्ता.........
इस्तेमाल हुए है जो इस प्रकार है :-
१:- शजरे ख़ुलूस:- प्यार का पौधा, २:- आईने खना:- शीश महल,
३:- हसीन:- खूबसूरत, ४:- रुक्सत:- डोली का समय, ५:- हबीब:- दोस्त,
६:- नसीब:- किस्मत, ७:- हया:- शर्म, ८:- नाज:- गर्व, ९:- जलवागरी:- सौंदर्य,
१०:-नवाब :- बादशाह
![]() | © Viney Pushkarna pandit@writeme.com www.fb.com/writerpandit |
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