क्या दिन था आज क्या मौसम था,
मिले दोस्त पुराने, जोड़ तिनका तिनका |
मैं चल रहा था उनीं यादों में,
कि आँख में लगा कंकर सा था ||
जो है मेरे बच्पन्न का साथी,
वो दोस्त कुछ बदला सा था ||
हैरान था कि आखिर ऐसा हुआ है क्या,
मुझे लगा जैसे हो वो मुझसे रूठा |
मैं दंग था उसका बदला बर्ताव देख कर,
जो मुझसे शायद खफ़ा सा था ||
जो है मेरे बच्पन्न का साथी,
वो दोस्त कुछ बदला सा था ||
मैं मिला उसे राह पर जाते,
वो आया था मुस्कुराते |
पर न जाने उसकी मुस्कराहट में,
किओं छुपा एक नशा सा था ||
जो है मेरे बच्पन्न का साथी,
वो दोस्त कुछ बदला सा था ||
![]() | © Viney Pushkarna pandit@writeme.com www.fb.com/writerpandit |
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